अमन जायसवाल,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविध्यालय शिक्षक संगठन ने, तनख्वाह न मिलने के कारण असीमित समय के लिए सभी कक्षाओं को विरोध के रूप में बंद कर दिया हैं.शिक्षकों का कहना है कि "पिछले छः महीने से उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा तनख्वाह नहीं दिया जा रहा", जिससे उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा.उन्होंने ये भी बताया कि शिक्षक जीवन यापन करने के लिए, दूसरे राज्यों से आकर यहाँ रहते हैं, जिससे अब परेशानियां बढ़ गयी है.
खतरे में बच्चों का भविष्य
दिल्ली विश्वविध्यालय के शिक्षकों पर बच्चो के भविष्य को खतरे में डालने को लेकर कई सवाल खड़े किये जा रहे. हालाँकि उन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा कि पिछले कई महीनों से तनख्वाह न मिलने के बावजूद उन्होंने अपने बचाये हुए रुपयों का उपयोग किया। शिक्षकों ने दिल्ली सरकार को कई दफा पात्र भी लिखे और समय समय पर शांति पूर्ण तरीके से धरने भी किये, बावजूद इसके सरकार के कान
पर जूं तक नहीं रेगी। इसीलिए, अंततः ये निर्णय लिया गया है कि जब तक दिल्ली सरकार फंड नहीं जारी करती, कक्षाएं बंद ही रहेंगी.
अधिकार रैली
दिल्ली विश्वविध्यालय शिक्षक संगठन ने दिल्ली विश्वविध्यालय और कॉलेज के कर्मचारी यूनियन के साथ भी मीटिंग की , जिसमे निर्णय लिया गया कि आगामी 15 मार्च को डीयू के कुलपति ऑफिस से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक "अधिकार रैली" निकली जाएगी। इसके साथ ही 18 मार्च को डीयू के कुलपति ऑफिस से एलजी ऑफिस तक रैली निकली जाएगी.
उम्मीद की राह
भारत जो कि कभी विश्व गुरु हुआ करता था, आज यहाँ के गुरुओं को स्वयं के अधिकार और अपने तनख्वाह के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा.दिल्ली सरकार के अंतर्गत 12 कॉलेज हैं, जिसकी फंडिंग दिल्ली सरकार के द्वारा की जाती है.हलांकि अभी भी शिक्षकों को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी तनख्वाह जारी की जाएगी।जब दिल्ली विश्वविध्यालय का ये हाल है तो औरों का क्या होगा?
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